रक्षाबंधन
काश, शांता
बचपन में बालक राम के साथ कुछ दिन रह पाती,
प्रभू राम में
सीतादेवी से अग्निपरीक्षा करवाने की सोच
कभी ना आतीI
काश, कुंतीदेवी
को अपनी एक बेटी होती,
पांडवोकी मती
भ्रष्ट होकर द्रौपदी दावं पर कभी न लगतीI
काश, अल्लाह
कॆ बंदे को एक भी बहन होती,
दुनिया की आधी
बहने हिजाब मे न तडपतीI
काश, किसी
मेवाखाऊ या सत्तानाथ को प्यारी बहन होती,
रक्षाबंधन या
बहन का प्यार चुनावी निलाम की चीज न बनतीI
भगवान की देन है
कि मेरे पास प्यारी बहन है,
पुरी दुनिया का
भाई बनकर जीने का वचन,
हर साल, बिना
भुले, लेकर हि रहती है I
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